यह झाडीदार पौधा वेदना हर, शोध हर, व्रण शोधन, मूत्र जनन, मलेरिया, आंख, कान के स्त्राव को दूर करता है।
प्रयोग :
- सूजन व दर्द प्रधान रोगों में (निर:शूल, सनिधशोध, आमवात) इनके पत्रों को गरम कर बांधते है या पुल्टीश (उपनाह) देते है।
- इससे सिद्ध तेल गंजेपण को दूर करता है।
- पत्र स्वरस को आँखों में डाला जाता है एवं पत्रों स्वरस से सिदध तेल कर्ण रोगों में प्रयुक्त होता है।