अधिकतम मात्रा में निर्यात किया जाने वाला नींबू घास तेल साबून, डिटर्जेन्ट सौन्दर्य प्रसाधनों एवं अन्य घरेलू उत्पादों में सुगन्ध के रूप में काम आता है। इसके पत्तों को उबाल कर स्वादिष्ट एवं उपादेय चाय मन को प्रफुलिल्त करती है। इसमें मुख्य घटक सिट्रल (75-90 प्रतिशत) एवं अनेक द्रव्य और विटामिन ‘ए’ भी है।
नींबू घास दोमट मिट्टी में बीज अथवा जड़ के टुकडो द्वारा पैदा की जा सकती है। बुवार्इ के 90 दिन बाद पत्तियाँ काटने योग्य हो जाती है वर्ष में 3-4 बाद कटार्इ की जा सकती है।
घर आंगन में छोटे क्यारें अथवा 5-6 गमलों में जड़ की कटिंग लगा कर नियमित काम में लेने को पत्तों का उत्पादल किया जा सकता है। जड़ की कटिंग, “तपोवन आश्रम” से प्राप्त की जा सकती है।